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आन्द्रेई प्लातोनोव

आन्द्रेई प्लातोनोव ( 1899-1951 ) का जन्म वोरोनेझ के एक गरीब परिवार में हुआ। उनकी जीवनी उस पीढ़ी के सोवियत लेखकों के लिए लाक्षणिक है, जिन्होंने अक्तूबर क्रांति के साथ साहित्य में पदार्पण किया। गृहयुद्ध के मोर्चों पर लाल सेना के सैनिक के रूप में लड़े, फिर शिक्षा पायी, इंजीनियर बने, दलदल सुखाये, नहरें बिछायीं, बिजलीघर बनाये। महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध (1941 - 1945) में मोर्चे पर रहे।

1927 में प्रकाशित पहले कहानी-संग्रह के साथ ही प्लातोनोव ने ख्याति पा ली। 1928 में उनके दो कहानी-संग्रह निकले, लेकिन फिर उनकी व्यंग्य-कथाओं के प्रकाशन के बाद कटु आलोचना के शिकार हुए। इस दशक के अंत और अगले दशक के दौरान लिखी उनकी रचनाएं अप्रकाशित ही रहीं, सातवें दशक में जाकर ही पाठक उनमें अधिकांश पढ़ पाये, लेखक की सबसे प्रमुख रचनाएं – दो छोटे और एक बड़ा उपन्यास तो 1986-1988 में जाकर ही प्रकाशित हुए। प्रस्तुत संग्रह में शामिल कहानियां प्लातोनोव की विशिष्ट दृष्टि और मौलिक शैली की परिचायक हैं।

अनुपम और क्रूर संसार

आन्द्रेई प्लातोनोव

मूल्य: Rs. 300

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